गुरुवार को आम लोगों ने GST 2.0 सुधारों की सराहना की और कहा कि इससे देश का हर नागरिक सशक्त होगा। शाक्य सिंह महापात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ सबका विकास’ मॉडल की गूंज अब देश के कोने-कोने में सुनाई दे रही है। GST काउंसिल के इस फैसले के बाद कर प्रणाली सरल हुई है और अब केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दरें लागू हैं। वहीं, सिन गुड्स के लिए 40 प्रतिशत का कर तय किया गया है।
महापात्रा ने बताया कि यह सुधार विशेष रूप से लघु और सूक्ष्म उद्यमों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि अब उन्हें अतिरिक्त ऋण लेने की आवश्यकता नहीं होगी। व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी अब पूरी तरह शून्य कर दी गई है।
चिकित्सा उपकरण और आवश्यक दवाओं पर भी जीएसटी दर घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है, जबकि शिक्षा क्षेत्र में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत सभी प्रकार के शैक्षिक सामग्री जैसे मैप्स, चार्ट्स, ग्लोब्स, पेंसिल शार्पनर, क्रेयॉन, नोटबुक्स और ग्राफ बुक्स पर जीएसटी पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।
रोशन कुमार नीरज ने कहा कि जीएसटी में कटौती से खाने-पीने की चीजें सस्ती होंगी और ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी डीजल हाइब्रिड कारें, तिपहिया वाहन और मोटरसाइकिल पर कर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किया गया है। इसका फायदा सीधे आम जनता को मिलेगा और क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
बिप्लब कुमार ने इस निर्णय को हर सेक्टर के लिए संतुलित बताया और कहा कि इससे एमएसएमई को भी प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। सिखित ने इसे मध्यम वर्ग के लिए स्वागत योग्य कदम करार दिया, क्योंकि इससे उच्च जीएसटी की समस्या खत्म होगी और कर प्रणाली अब सरल और प्रभावी हो गई है।
कुल मिलाकर, GST 2.0 सुधारों के जरिए पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम जनता, उद्योग और शिक्षा-संबंधित क्षेत्रों के लिए कर प्रणाली को अधिक सरल, सुलभ और किफायती बनाया है।
