टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता और पूर्व विश्व चैंपियन मीराबाई चानू ने सोमवार को अहमदाबाद में आयोजित राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। इस जीत के साथ ही चानू ने सीधे तौर पर ग्लासगो में होने वाले 2026 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए क्वालीफाई कर लिया।
चानू ने बनाए नए रिकॉर्ड
मीराबाई चानू ने 48 किग्रा वर्ग में कुल 193 किग्रा (84 किग्रा स्नैच + 109 किग्रा क्लीन एंड जर्क) वजन उठाकर न केवल स्वर्ण पदक अपने नाम किया, बल्कि स्नैच, क्लीन एंड जर्क और कुल वजन में नए कॉमनवेल्थ रिकॉर्ड भी स्थापित किए। इस वर्ग में मलेशिया की आइरीन हेनरी (161 किग्रा) ने रजत और वेल्स की निकोल रॉबर्ट्स (150 किग्रा) ने कांस्य पदक जीता।
पेरिस ओलंपिक के बाद पहली बड़ी प्रतियोगिता
पेरिस ओलंपिक के बाद मीराबाई चानू पहली बार किसी बड़े मंच पर उतरी थीं। लंबे अरसे बाद उनकी वापसी स्वर्णिम रही। जीत के बाद मीराबाई चानू ने कहा, “मैं स्वर्ण पदक जीतकर बहुत खुश हूं। पेरिस ओलंपिक के एक साल बाद घरेलू धरती पर प्रतिस्पर्धा करना इस पल को और भी खास बना देता है। यह जीत अथक परिश्रम, मेरे कोचों के मार्गदर्शन और प्रशंसकों से मिलने वाले प्रोत्साहन का परिणाम है। अक्टूबर में होने वाली विश्व चैंपियनशिप की तैयारी के लिए यह मेरे आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला है।”
चोट के कारण छूटी थीं कई प्रतियोगिताएं
पेरिस ओलंपिक के बाद से मीराबाई चानू चोट की वजह से कई बड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले सकी थीं। पेरिस ओलंपिक में भी चानू पदक जीतने से चूक गई थी। 49 किग्रा वर्ग में 199 किग्रा (88 किग्रा स्नैच + 111 किग्रा क्लीन एंड जर्क) उठाने के बावजूद वह पदक से वंचित रह गई थीं।
वर्ग परिवर्तन के बाद वापसी
अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन फेडरेशन द्वारा 49 किग्रा वर्ग को हटाए जाने के कारण चानू ने 48 किग्रा वर्ग में वापसी की। इस भार वर्ग में चानू ने 2018 में हिस्सा लिया था और वह इसी वर्ग में विश्व चैंपियन रह चुकी हैं। इस जीत के साथ मीराबाई चानू ने अपने करियर में एक नए अध्याय की शुरुआत की है और आगामी प्रतियोगिताओं के लिए अपनी तैयारी का शानदार संकेत दिया है।
