इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद द्वारा कैंसर और अन्य आवश्यक दवाओं पर जीएसटी दरों में कमी के फैसले की सराहना की है। संगठन ने इसे एक सराहनीय कदम बताते हुए कहा कि इससे देश भर में लाखों मरीजों के लिए स्वास्थ्य सेवा अधिक किफायती और सुलभ हो जाएगी।
सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कदम
आईएमए ने एक बयान में कहा, “महत्वपूर्ण दवाओं पर जीएसटी में कमी सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने और कैंसर, पुरानी बीमारियों तथा जानलेवा संक्रमणों जैसी गंभीर चिकित्सा स्थितियों से जूझ रहे लोगों की सहायता करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब सरकार अपने व्यापक कर सुधारों के तहत कई आवश्यक और जीवन रक्षक दवाओं पर जीएसटी कम करने पर विचार कर रही है। प्रस्ताव के अनुसार, कैंसर और अन्य उपचारात्मक दवाओं पर जीएसटी दर को 12% से घटाकर 5% या कुछ मामलों में शून्य तक किया जाएगा।
दुर्लभ बीमारियों की दवाओं पर भी छूट
सरकार दुर्लभ बीमारियों के इलाज में प्रयुक्त होने वाली दवाओं पर भी छूट देने पर विचार कर रही है। इसका उद्देश्य महंगे चिकित्सा उपचारों को अधिक किफायती और व्यापक रूप से सुलभ बनाना है।
आईएमए ने सरकार और जीएसटी परिषद से आग्रह किया है कि वे अन्य जीवन रक्षक और आवश्यक दवाओं पर भी जीएसटी छूट प्रदान करें। इनमें कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और लक्षित चिकित्सा में प्रयुक्त होने वाली दवाएं, मधुमेह के लिए इंसुलिन और मौखिक दवाएं शामिल हैं।
व्यापक जीएसटी छूट की मांग
संगठन ने उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों की दवाओं, क्रोनिक किडनी रोग, कोलेजन संवहनी रोग, थायरॉइड विकार, अस्थमा, सीओपीडी, ऑस्टियोपोरोसिस और गंभीर संक्रमणों के इलाज में प्रयुक्त होने वाली दवाओं पर भी जीएसटी छूट देने का आग्रह किया है।
इसके अलावा, आईएमए ने चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी कम करने की मांग की है ताकि अस्पतालों और क्लीनिकों की परिचालन लागत में कमी आए और इलाज अधिक किफायती हो सके।
स्वास्थ्य बीमा और अस्पताल बेड पर जीएसटी छूट
आईएमए ने अस्पताल में भर्ती होने की सामर्थ्य सुनिश्चित करने के लिए अस्पताल बेड पर जीएसटी पूरी तरह से हटाने और आपात स्थितियों में वित्तीय बोझ कम करने के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी छूट की भी सिफारिश की है। इससे स्वास्थ्य बीमा के व्यापक अपनान को बढ़ावा मिलेगा और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में सुधार होगा।
ये सभी कदम मिलकर भारत में स्वास्थ्य सेवा को अधिक किफायती और सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, विशेष रूप से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए।
